दोस्तो हिंदू धर्म में पेड़ पौधों को भी देवी देवताओं का रूप माना जाता है, और भगवान के समान ही उनकी पूजा की जाती है। दोस्तो उन्ही पौधो में से एक है तुलसी का पौधा। आपके भी घर में तुलसी का पौधा तो जरूर होगा, जिसमें कि आप जल अर्पित करके उसकी पूजा भी करते होंगे। लेकिन क्या आपने कभी तुलसी चालीसा के बारे में सुना है? जी हां दोस्तों, हनुमान चालीसा, शिव चालीसा, राधा चालीसा की तरह तुलसी चालीसा भी होती है। जिसका पाठ करके आप तुलसी माता को प्रसन्न करके उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। तो इस आर्टिकल में हम आपको तुलसी चालीसा के बारे में बताएंगे, कि इसका पाठ आपको कब कैसे और किस तरह से करना चाहिए। तो चलिए बिना किसी देरी के आर्टिकल की शुरुआत करते हैं।
तुलसी के पौधे के महत्व
दोस्तों तुलसी का पौधा एक ऐसा पौधा है, जो की धर्मशास्त्र की दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही, साथ ही यह विज्ञान की दृष्टि से भी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। धर्मशास्त्र की बात करें, तो कहा जाता है कि तुलसी का पौधा घर में रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और, नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। वही तुलसी के पौधे में भगवान विष्णु का वास होता है, जिसकी वजह से तुलसी के पौधे की पूजा करने से हमें भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होती है। विज्ञान की दृष्टि से देखें, तो तुलसी के पौधे में कई सारे औषधिक गुण पाए जाते हैं। यह सेहत के लिए काफी अच्छा होता है, इसकी पत्ती का सेवन करने से व्यक्ति को कई सारे बीमारियों से राहत मिलती है। इतना ही नहीं, तुलसी के पत्ते और जड़ों का इस्तेमाल भी कई सारे बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। जिसके वजह से यह धर्मशास्त्र और विज्ञान दोनों की दृष्टि से काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
तुलसी चालीसा का महत्व
अगर आपको तुलसी माता के साथ-साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना है, तो तुलसी चालीसा को इसके लिए सबसे अच्छा उपाय माना जाता है। बात करें तुलसी चालीसा के महत्व की, तो बता दे कि, क्योंकि तुलसी माता को विष्णु जी की प्रिया कहा जाता है, और उन्हें लक्ष्मी जी का अवतार भी माना जाता है, इसलिए तुलसी चालीसा का पाठ करने से आपको तुलसी माता की कृपा तो प्राप्त होती ही है, साथ ही साथ इससे आपको भगवान हरि यानी की साक्षात विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। इतना ही नहीं, नियमित रूप से Tulsi Chalisa का पाठ करने से घर में सुख समृद्धि भी बनी रहती है, और भगवान विष्णु की कृपा से आपकी हर मनोकामना भी पूर्ण होती है।
तुलसी चालीसा का पाठ कब करे?
वैसे तो आपको नियमित रूप से यानी कि रोजाना तुलसी के पौधे की पूजा करके तुलसी चालीसा का पाठ करना चाहिए, क्योंकि इससे रोज आपका मन भी शांत होगा, और आपको भगवान विष्णु माता लक्ष्मी और माता तुलसी इन सभी की कृपा प्राप्त होगी। लेकिन दोस्तों, अगर आपके पास रोज समय नहीं है, तो कोशिश करें की तुलसी विवाह वाले दिन यानी कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के एकादशी तिथि को विशेष रूप से तुलसी चालीसा का पाठ करें, क्योंकि इस दिन भगवान शालिग्राम जो कि खुद भगवान विष्णु के अवतार हैं, उनसे माता तुलसी का विवाह करवाया जाता है, जिस दौरान माता तुलसी की पूजा करके तुलसी चालीसा का पाठ करने से हमें तुलसी माता और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आप चाहे तो वर्ष में आने वाले हर एकादशी के दिन तुलसी चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
इन दिनों में तुलसी में कभी भी ना चढ़ाएं जल
दोस्तों जैसा की ऊपर हमने आपको बताया, कि तुलसी के पौधे की पूजा करने से पहले सबसे पहले तुलसी में जल अर्पित किया जाता है। लेकिन ऐसे भी कुछ दिन होते हैं, जिस दिन आपको भूलकर भी तुलसी के पौधे में जल अर्पित नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपको इसका विपरीत परिणाम देखने को मिल सकता है। अगर बात करें उन दिनों की, तो बता दें कि आपको सप्ताह के रविवार के दिन और हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी वाले दिन भूलकर भी तुलसी के पौधे पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि इन दिनों में माता तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती है, और ऐसे में अगर आप तुलसी के पौधे में जल अर्पित करते हैं, तो वह व्रत टूट जाता है। इसलिए भूलकर भी रविवार और एकादशी वाले दिन तुलसी के पौधे पर जल अर्पित ना करें, आप बिना जल अर्पित करें ही तुलसी चालीसा का पाठ करके माता तुलसी की पूजा कर सकते हैं।
Conclusion
तो उम्मीद है कि अब आपको तुलसी और तुलसी चालीसा के महत्व के बारे में पता चल गया होगा, तो अगर आपके भी घर में तुलसी का पौधा है, तो आपको भी उस पौधे की अच्छे से देखरेख करके नियमित रूप से उसमें जल अर्पित करके उसकी पूजा करके तुलसी चालीसा का पाठ करना चाहिए, ताकि आपको भी माता तुलसी के साथ-साथ, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो।